जीवन का पथ जहां से शुरू होता है वो राह दिखाने वाला ही गुरु होता है:-सोनल विश्वनोई

सोनू वार्ष्णेय
मेरठ (एनजीएक्स) आज पवित्र श्रावण माह की पूर्णिमा है और इस दिन ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है,हिंदू धर्म में गुरु का स्थान भगवान से भी पहले रखा गया है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है,इस दिन पहले गुरु का दर्जा प्राप्त महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इस विशेष पूर्णिमा तिथि पर गुरु की पूजा आराधना की जाती है,गुरु के माध्यम से ही हम ज्ञान को प्राप्त करते हैं गुरु हमें अंधेरे से उजाले की तरफ बढ़ने का रास्ता दिखाते हैं। भारतीय संस्कृति में गुरु का महत्व सम्मान और सच्ची निष्ठा और समर्पण का भाव हमेशा रहता आया है।आपको बता दें।गुरु पूर्णिमा पर सत्संग आर्ट ऑफ लिविंग मेरठ के भक्तों द्वारा 12 जुलाई को बैजल भवन में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। भारतीय संस्कृति में गुरु परंपरा का बहुत महत्व है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं,और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं।आर्ट ऑफ लिविंग की सीनियर टीचर विनीता व सुनीता ने गुरु पाठ पूजा से कार्यक्रम का शुभारंभ किया,सृजज्य व मानस ने मुग्ध करने वाले भजनों की प्रस्तुति की जिससे सभी भक्तगण झूम उठे,आर्ट ऑफ लिविंग मेरठ परिवार के सुंदर कार्यक्रम में विपुल, देवेंद्र, मोहन, संजीव,राजीव व अजय मित्तल का सहयोग रहा।